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बनेगा स्‍वच्‍छ इंडिया: इंसानी मल से प्रदूषित हो रहे जल स्रोत

जब हम बात करते हैं स्‍वच्‍छ भारत और स्‍वच्‍छता की तो हमें सिर्फ टॉयलेट बनाने से आगे बढ़ना होगा. सोचिए कि जब हम टॉयलेट का इस्‍तेमाल करते हैं, तो इंसानी मल कहां जाता है. भारत में 30 फीसदी से भी कम सीवेज लाइनें हैं. तो सोचिए कि रोजाना टॉयलेट इस्‍तेामल करने के बाद यह कचरा कहां जाता है. इस शो में देखिए कि किस तरह संसाधनों की कमी की वजह से इंसानी मल का निपटारा सही ढंग से नहीं हो रहा और यह हमारे जल स्रोतों को भी दूषित कर रहा है.

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